गरीबी एक बीमारी
वास्तव में गरीबी कोई बीमारी नहीं है, परंतु किसी बीमारी से ज्यादा भयानक है। गरीब पैदा होना सामान्य बात है, परन्तु गरीब मरना बहुत गलत बात है। बातें तो बहुत सारी हैं, परन्तु आज के परिदृश्य में कोई भी गरीब परिवार यह सोचता होगा कि भले ही मौत किसी बङी बीमारी से हो परंतु गरीबी से न हो, अमीरी में नाम और सोहरत तो मिलेगी। क्योंकि सोचने और स्वप्न देखने पर कोई पाबंदी नहीं होती। परंतु यह सत्य है कि अमीरी या सोहरत खैरात में नहीं मिलती, कर्म तो करना ही पङता है।
दुनियाभर के अमीरों का अद्धययन करने पर पता चलता है कि उनमें ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो अत्यंत गरीबी में ही पैदा हुए और उन्होंने अमीरी पाने के लिए खुद से आन्दोलन किया, दिन रात में अंतर नहीं समझा, अनवरत कङी मेहनत के बाद अमीर अवश्य बने। हर कोई मेहनत करके बङा अमीर नहीं बन सकता परंतु इस बात की गारंटी है कि गरीब भी नहीं रहेगा, मैं यह अपने परिवार व कई दोस्तों के अनुभव से कह सकता हूं कि आज हमलोग ठीकठाक स्थिति में सिर्फ कङी मेहनत के वजह से हैं।
अग्यानता ही गरीबी का सबसे बड़ा कारण है। जनसंख्या वृद्धि की वजह से अनुपातिक असर सभी पर पङता है, परन्तु संघर्ष कम करना पङे इसलिये जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना भी उतना ही महत्वपुर्ण हो जाता है। वह समय आ चुका है कि शादी व बच्चों की संख्या अपनी भविष्य की आत्मनिर्भरता के हिसाब से होना चाहिए न कि किसी के कहने पर।
समस्याएं अमीर व विवेक वाला पैदा करता है, भुगतान गरीब करता है, चाहे दंगा हो, महामारी हो, बुरे कर्म या कुछ अन्य। अपने हक को हरेक को खुद समझना होगा, और यह तभी संभव है जब हम सभी ज्यादा मेहनत करने को तैयार होंगे। नौकरी से समय बचे तो कुछ और भी सीखते रहें, परन्तु प्रायः ऐसा नहीं होता, क्योंकि हममें से बहुत लोगों का मूलमंत्र कामचोरी है। अपने व देश की तरक्की देखनी है, तो हमें समय की सीमाओं के बंधन को तोङकर खुद मन लगाकर मेहनतकस बनना पङेगा। वह सब सीखें व सीखायें जिससे सबकी गरीबी मिटे। आज भी देश व दुनिया को रोजगार में योग्य लोगों की कमी है।
यदि यह नहीं समझे तो अपराध और आंदोलन करने के अलावा दूसरा रास्ता दिखाई नहीं देगा, सरकारें तो आती जाती रहेंगी और उनकी बङी बङी योजनाओं से इतने बड़े देश का कुछ नहीं हो सकता।
उम्मीद है हालात के थपेङों से हमारी आत्मा ने हम सभी को आत्मनिर्भर बनने को कह दिया होगा, और यदि नहीं कहा तो भी कोई दुसरा रास्ता नहीं है। अपना बोझ भी कोई मन से नहीं उठाना चाहता तो फिर दुसरों का बोझ बेवजह तो नहीं उठाएगा, और कुछ मदद कर भी दी तो यही चाहेंगे कि ये फोटो पुरी दुनिया देखे, क्योंकि यह उनके मिशन का हिस्सा होता है। मुफ्त में कुछ भी नहीं मिलता ।
अपने व देश के लिए स्वावलंबी, सशक्त व आत्मनिर्भर बनें।
धन्यवाद।
Written By-
Dinesh Singh Kushawaha